
हरिद्वार/विजय सुब्रह्मण्यम
14 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में अपर जिला जज एफटीएस कोर्ट न्यायाधीश चंद्रमणि राय ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष कठोर कारावास व 15 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि माह जनवरी 2021 में रानीपुर क्षेत्र के एक गांव में 14 वर्षीय लड़की से आरोपी युवक पर अपने घर में जबरदस्ती दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। पीड़ित लड़की आरोपी युवक के घर पर उर्दू पढ़ने जाती थी। माह मार्च 2021में पीड़ित लड़की के पेट में दर्द हुआ था। जिसपर उसके परिजन उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए थे। जहां डॉक्टर ने प्रेग्नेंसी टेस्ट के बाद परिजनों को पीड़ित लड़की के गर्भवती होने की जानकारी दी थी। जिसपर परिजनों के पूछने पर पीड़ित लड़की ने अपने परिजनों को सारी आपबीती बताई थी। यही नही,आरोपी युवक ने किसी को बताने पर पीड़ित लड़की जान से मारने की धमकी दी गई थी।शिकायतकर्ता चाचा की लिखित शिकायत पर ।पुलिस ने आरोपी कादिल पुत्र आबिद निवासी ग्राम गढ़मीर पुर कोतवाली रानीपुर का संबधित धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 13 व बचाव पक्ष की ओर से पांच गवाह पेश किए।
एफएसएल रिपोर्ट बनी सजा का आधार
फोरेंसिक जांच में पीड़ित लड़की,आरोपी युवक व गर्भस्थ भ्रूण की डीएनए टेस्ट में पीड़ित लड़की व आरोपी गर्भ में पल रहे भ्रूण के जैविक माता पिता साबित हुए हैं।
पांच लाख रूपये की आर्थिक मदद
विचारण कोर्ट ने पीड़िता की सामाजिक,आर्थिक व मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे पांच लाख रूपये प्रतिकर राशि के रूप में देने के आदेश दिए है। साथ ही, इस निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उचित कार्यवाही के लिए भिजवाने के निर्देश देते हुए उचित मुआवजा दिलाने के निर्देश भी दिए हैं।
जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा
विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष कठोर कैद व 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड राशि जमा नहीं करने पर उसे तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।